- कश्मीरियों के लिये अन्नदाता हैं पर्यटक
- कुल आबादी के 50 प्रतिशत से अधिक की रोजी रोटी पर्यटन पर निर्भर
श्रीनगर। कश्मीर में पाकिस्तानपरस्त आतंकवाद के काले दौर ने ना केवल कश्मीर में पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ दी बल्कि आम कश्मीरी से उनका रोजगार भी छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आम कश्मीरी के लिये पर्यटन जीवनयापन का जरिया है। लगभग आधी आबादी का रोजगार जहां सीधे पर्यटन से जुड़ा है तो वहीं लगभग 25 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़ी है। कश्मीर के प्रति पर्यटकों का आकर्षण एक बार फिर दिखाई देने तथा केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये किये जा रहे प्रयासों से कश्मीरियों के चेहरे खिले हुए है।
पाकिस्तानपरस्त अलगाववादी भले ही कश्मीर को भारत से अलग—थलग करने की नाकाम कोशिश करते रहे हों लेकिन आम कश्मीरी के लिये भारत से आने वाले पर्यटक अन्नदाता हैं। आम कश्मीरी देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले पर्यटकों की आवाभगत करना अपना धर्म समझते हैं। कश्मीर की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी का रोजगार पर्यटन पर आधारित है यही कारण है कि यहां पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर सरकार ही नहीं बल्कि आम कश्मीरी भी गंभीर है।
कश्मीर के निदेशक पर्यटन डा जीएन ईतू का कहना है कि श्रीनगर में लगभग सवा लाख परिवारों के घर के सभी सदस्यों का रोजगार प्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़ा है, इसके अलावा भी बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन से जुड़े हैं। उनका कहना है कि पर्यटन से करीबी रिश्ता होने के कारण ही कश्मीरी अपनी आवाभगत के लिये जाने जाते हैं। होटल व्यवसाय से जुड़े रिजेन्टा होटल के महाप्रबंधक हबीब उल्लाह पांडव का कहना है कि कश्मीर में बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार पर्यटन से जुड़ा है, सरकार पर्यटन को बढ़ाने के लिये जो प्रयास कर रही है उसका प्रभाव पर्यटकों की बढ़ती संख्या के रूप में दिखाई देने लगा है और भविष्य में और अधिक उम्मीद की जा रही है। हालांकि कुछ मामलों में कश्मीरियों में केन्द्र सरकार के प्रति नाराजगी भी है लेकिन पर्यटन को लेकर केन्द्र सरकार की पहल की कश्मीरी खुले दिल से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते है। ट्रांसपोर्ट उद्योग से जुड़े यासीन खान का कहना है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था वह उन्होंने निभाया है और उसका परिणाम कश्मीर में दिखाई दे रहा है, यहां ना केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है बल्कि लोगों का रोजगार भी वापस लौट रहा है।
लालबाग क्षेत्र में कपड़े की दुकान चलाने वाले बशीर का कहना है कि पिछले छह माह में उनकी बिक्री में तीन से चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है इसका कारण पर्यटकों की संख्या का बढ़ना है। होटल व्यवसायी अमीर आलम का कहना है कि यहां के लोगों के लिये तो पर्यटक ही अन्नदाता हैं, पर्यटक आयेंगे तो लोगों को रोजीरोटी मिलेगी। टैक्सी चालक फजरूल का कहना है कि पर्यटकों की सेवा करना हमारा धर्म है, पर्यटक आते हैं तो काम मिलता है जिससे हमारा गुजारा चलता है।