नीति गोपेन्द्र भट्ट
नई दिल्ली । केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मन्त्री जे पी नड्डा ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के गृह नगर बड़नगर के निकट स्थित विशनगर की डॉक्टर डॉ. शुक्लाबेन अनिलभाई रावल को डॉक्टर्स डे पर इण्डियन मेडिकल ऐसोशियन (आई एम ए ) द्वारा नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित एक समारोह में सामुदायिक सेवा पुरस्कार से सम्मानित किया।केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मन्त्री जे पी नड्डा ने पुरस्कार वितरीत किए।
सम्मान पत्र में कहा गया कि आपकी उपलब्धियाँ और चिकित्सा पेशे के प्रति अटूट प्रतिबद्धता आपको महत्वाकांक्षी डॉक्टरों के लिए एक सम्मानित रोल मॉडल और रोगियों के लिए आशा की किरण बनाती है। डॉक्टर डॉ. शुक्लाबेन विशनगर में अपने पिता के क्लिनिक में सेवाएँ दे रही है। चार पीढ़ियों से उनका परिवार ग़रीबों के लिए गाँवों में निःशुल्क शिविर लगाने तथा मधुमेह पीड़ित बच्ची की सेवा में जुटा हुआ हैं।
नई दिल्ली के आईटीओ पर स्थित समारोह स्थल भारतीय चिकित्सा संघ मुख्यालय पर आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर वी अशोकन और मानद महासचिवडॉ. अनिलकुमार जे. नायक सहित चिकित्सा जगत के कई गणमान्य लोग समारोह में उपस्थित रहें।
1 जुलाई, डॉक्टर्स डे हर साल भारत में डॉक्टरों के लिए एक विशेष अवसर होता है। यह चिकित्सा पेशे के दिग्गज डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि भी है। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उपलक्ष्य में, आईएमए प्रति वर्ष 1 जुलाई को पुरस्कार समारोह आयोजित करता है, जिसमें उन डॉक्टरों को सम्मानित किया जाता जिन्होंने समाज के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने में अपने रोगियों और चिकित्सा क्षेत्र के प्रति असाधारण समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है कर सभी को प्रेरित किया है।
उल्लेखनीय है कि डॉ. शुक्लाबेन अनिलभाई रावल और उनकी बहन डॉ. स्मित जोशी ने भारत ही नहीं विश्व में बच्चों की डायबिटीज़ के प्रति जन जागरूकता पैदा करने के लिए भारत में कश्मीर से कन्या कुमारी तथा अमरीका में ईस्ट कोस्ट से वेस्ट कोस्ट तक स्वयं की कार से सात हज़ार किमी लंबी यात्राएँ की । उनके इन प्रयासों की देश विदेश में काफ़ी सराहना हुई है और स्वयं प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मन्त्री और गुजरात के मुख्यमन्त्री तथा स्वास्थ्य मन्त्री सहित केन्द्र एवं राज्य के कई नेताओं आदि ने भी उन्हें सराहा हैं। गुजरात सरकार ने अपने वार्षिक बजट में भी बच्चों की डायबिटीज़ के प्रति जन जागरूकता पैदा करने के लिए बजट प्रावधान रखा है।इसी तरह केन्द्र सरकार भी इस बारे में एक नीतिगत फैसला लेने की तैयारी कर रही है। ज्ञातव्य है कि भारत में बच्चों की डायबिटीज़ के मामले विश्व में सबसे अधिक है और इस मामले में अमरीका का दुनिया में दूसरा नंबर हैं।