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स्मार्ट सिटी परियोजना से हुबली की टोलानकेरी झील को मिला जीवन

एक झील से बदल गई शहर की जिंदगी

स्मार्ट सिटी ने झील को बनाया स्मार्ट तो शहरवासी भी हो गये स्मार्ट

झील के आस पास हुई आर्थिक गतिविधियां विकसित

भूमि के दामों में हुई दस गुना तक बढ़ोत्तरी

हुबली, कर्नाटक। केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना से हुबली की टोलानकेरी झील को नया जीवन मिला है। कर्नाटक के हुबली शहर में वर्षो से गंदगी का अंबार बनी एक झील के जीवंत होने से पूरे शहर की जिंदगी बदल गई। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लगभग 33 एकड़ क्षेत्र में फैली इस झीन का विकास किये जाने से यह झील शहर तथा आस पास के शहरों के लिये ना केवल एक पर्यटन स्थल बन गई है बल्कि झील के आस पास के समूचे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां विकसित हो गई हैं और हजारों लोगों को रोजगार मिलने लगा है।


कर्नाटक के हुबली शहर में लगभग 33 एकड़ क्षेत्र में फैली टोलानकेरी झील वर्षो पूर्व शहर के सौन्दर्य की पहचान होने के साथ साथ शहर की प्यास बुझाने में इस झील की प्रमुख भूमिका थी लेकिन समय के साथ साथ यह झील गंदगी का अंबार बनने लगी और अंतत: पूरी तरह एक तरह से मौत का शिकार हो गई। लगभग चार वर्ष पूर्व तक इस झील के आस पास का क्षेत्र पूरी तरह सूना था जगली पेड पौधों व झाड़ियों के कारण लोगों को इस क्षेत्र में आने से भी डर लगता था। इस झील की किस्मत तब बदली जब हुबली शहर का चयन देश के 100 स्मार्ट सिटी शहरों में हुआ और स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इसी झील के उद्धान को ही अपने सर्वोच्च प्राथमिकता मानकर काम शुरु किया।


पिछले चार वर्ष में यह झील मानो जीवंत हो गई है और झील के साथ साथ पूरे शहर में और शहर के लोगों में भी नई उर्जा आ गई है। इस झील ने पूरे शहर की जिंदगी को बदल दिया है। झील के चारों ओर पैदल ट्रैक, साईकिल ट्रैक, वाकवे, बच्चों के लिये बच्चा पार्क, जिम, युवाओं के लिये बास्केटबाल व वालीबाल कोर्ट सहित तमाम ऐसी सुविधाएं विकसित की गई हैं कि प्रत्येक आयु वर्ग के लिये यह झील मनोरंजन, पिकनिक व पर्यटन का एक प्रमुख स्थल बन गई है। इस झील के मुख्य द्वार से लगी सड़क को भी स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित कर स्मार्ट बना दिया गया है जिससे लोगों का आवागमन बढ़ गया है और समूचे क्षेत्र में होटल, खान पान की अन्य दुकानों तथा अन्य कई तरह की आर्थिक गतिविधियां विकसित हो गई है। झील के आस पास भूमि की दरें पांच गुना तक बढ़ गई है।


स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ डा.रुद्रेश एस घाली बताते हैं कि झील का पुर्नद्धार करना बड़ी चुनौती थी, सबसे बड़ी चुनौती तो झील को साफ करना था, इसके बाद जब काम शुरु हुआ तो कई तरह की अड़चने आने लगी, कोरोना के कारण काम की गति धीमी हो गई लेकिन अंतत: यह काम पूरा हुआ और अब यह झील पूरे कर्नाटक में हुबली की पहचान बन गई है। इस झील के लिये हाल ही में कर्नाटक राज्य को केन्द्र सरकार की ओर से दिये गये राष्ट्रीय स्मार्ट सिटी पुरुस्कार से भी नवाजा गया है। केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय के प्रवक्ता राजीव जैन के अनुसार इस तरह के कार्यो से आम लोगों का जीवन आसान हो रहा है, यही मिशन की उपलब्धि है।