- मिशन के तहत बनी बैंगरी मार्केट बनी रेहड़ी पटरी वालों के लिये वरदान
- स्वरोजगार में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा हुबली
- छोटे छोटे ऋण लेकर खुद को बनाया स्वावलंबी
- स्मार्ट सिटी मिशन के तहत बनी बैंगरी मार्केट बनी रेहड़ी पटरी वालों के लिये वरदान
हुबली कर्नाटक। स्मार्ट सिटी मिशन ने कर्नाटक के हुबली शहर के लोगों के जीवन को आसान बना दिया है। मिशन से ना केवल यहां की टोलानकेरी झील व एमजी पार्क की तस्वीर बदल दी है बल्कि गरीब रेहड़ी पटरी वालों के लिये जनता बाजार व बैंगरी मार्केट जैसी पहल की है जिससे गरीबों के परिजनों के चेहरों पर नई मुस्कान आई है।
रेहड़ी पटरी वालों के जीवन को सशक्त बनाने तथा उनके आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिये शुरु की गई पीएम स्वनिधि योजना से हजारों परिवारों के सदस्यों के होठों पर मुस्कुराहट लौट आई है। कोरोना संकट के बाद रोजी रोटी के लिये धक्के खा रहे व एक एक पाई के लिये तरस रहे इन परिवारों के पास अब अपना रोजगार भी है और डिजिटल लेन देन कर वह आधुनिकता की दौड़ में भी शामिल हो रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक इस छोटे से शहर में लगभग 20 हजार से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को 10 हजार से 50 हजार तक के ऋण मिल चुके है।
कोरोना महामारी नें यूं तो देश में सभी उद्योग धंधों को चौपट किया लेकिन कोरोना की सर्वाधिक मार उन गरीब लोगों पर पड़ी जिनके जीवन की रोजी रोटी का धंधा दैनिक आधार पर की जाने वाली मजदूरी थी। इनमें लाखों लोग ऐसे हैं जो प्रतिदिन रेहड़ी पटरी लगाकर अपना जीवन यापन करते है। कोरोना के दौरान इनका धंधा पूरी तरह चौपट हो गया, इन्हीं लोगों को फिर से अपना धंधा शुरु करने के लिये आर्थिक सहायता पीएम स्वनिधि योजना के तहत दी जा रही है। हुबली शहर में स्मार्ट सिटी मिशन और पीएम स्वनिधि योजना की संयुक्त पहल रेहड़ी पटरी वालों के लिये वरदान बन गई।
एक ओर पीएम स्वनिधि योजना से शहर के गरीब रेहड़ी पटरी वालों से ऋण के लिये आवेदन मांगे गये तो दूसरी ओर शहर के बैंगरी क्षेत्र में नगर पालिका के एक लैंडफिल डम्प क्षेत्र को विकसित कर वहां रेहड़ी पटरी वालों के लिये स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत बाजार बनाने की शुरुआत हुई। अब यह बाजार भी बन चुका है जो बैंगरी मार्केट के नाम से विख्यात हो गया है। इस बाजार में प्रत्येक शनिवार को रेहड़ी पटरी वालों का बड़ा बाजार लगता है जिसमें शहर भर के लोग फल, सब्जी व अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदने आते है। इसी बाजार में एक पटरी पर अपने परिवार के साथ सब्जी बेच रहा प्रकाश राजप्प बताता है कि वह 25 वर्ष से सब्जी बेच कर परिवार का पेट भरता था लेकिन कोरोना के दौरान उसका रोजगार बंद हो गया। पीएम स्वनिधि योजना शुरु होने पर पहले उसने दस हजार के ऋण के लिये आवेदन किया। पहला ऋण चुकाने के बाद उसने दूसरी बार 20 हजार का ऋण इस योजना के तहत लिया और अब दूसरा ऋण चुकाने के बाद उसे 50 हजार रुपये का तीसरा ऋण मिला है। प्रकाश बताता है कि ऋण मिलने के बाद उसका रोजगार पहले से काफी बढ़ गया है और परिवार में खुशियां लौट आई है।
इसी बाजार में फल विक्रेता कृष्णा मलेशप्पा बताता है कि पहले दस हजार और अब 20 हजार का ऋण पीएम स्वनिधि से उसे मिला। अब वह अकेला नहीं उसके परिवार के अन्य सदस्य भी उसकी पटरी पर उसका साथ देते है। सब्जी बेचने वाली ललिता बंगापु बताती है कि पहले वह दिन में 50 से 100 रुपये कमाती थी लेकिन पीएम स्वनिधि योजना में दस हजार का ऋण मिलने के बाद उसकी प्रतिदिन की कमाई दोगुनी हो गई है। बैंगरी बाजार में हजारों ऐसे रेहड़ी पटरी वाले सामान बेचने आते हैं जिनके जीवन में पीएम स्वनिधि से बदलाव आ गया है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ डा.रुद्रेश एस घाली का कहना है कि मिशन के तहत शुरु की गई लगभग सभी परियोजनाएं पूरी हो गई है, दो तीन परियोजनाएं बाकी हैं जिन्हें अगले छह माह में पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत कचरा प्रबंधन, यातायात व्यवस्था, पेयजल प्रबंधन आदि की स्मार्ट मानिटरिंग कर लोगों के जीवन को आसान बनाया जा रहा है। केन्द्रीय आवास व शहरी कार्य मंत्रालय के प्रवक्ता राजीव जैन का कहना है कि हुबली की तरह ही देश के बाकी 100 स्मार्ट शहरों में भी अधिकतर परियोजनाएं पूरी हो गई है। उन्होने बताया कि जून 2024 तक सभी परियोजनाएं पूरी हो जायेंगी।