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CAIT ने पेटीएम पर प्रतिबंधों के संबंध में रिज़र्व बैंक गवर्नर से स्पष्टीकरण की मांग की

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संबंध में हाल के घटनाओं और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गए सख़्त कदमों के संबंध में कनफ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने श्री शक्तिकांत दास, रिज़र्व बैंक गवर्नर को आज एक पत्र भेजकर पेटीएम के ग्राहकों को संभावित खतरों को दूर करने और उपभोक्ताओं और हितधारकों के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए व्यापारियों एवं छोटे व्यवसाय की कुछ मुख्य चिंताओं पर स्पष्टीकरण देने का आग्रह किया है।

पिछले सप्ताह रिज़र्व बैंक गवर्नर श्री शक्तिकांत दास द्वारा पेटीएम के ख़िलाफ़ की गई कारवाई पर कोई भी दोबारा विचार न किए जाने के स्पष्ट बयान के बाद और पेटीएम बैंक में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट द्वारा जाँच की रिपोर्टों के कारण, व्यापारिक समुदाय और छोटे व्यवसायों में पेटीएम के साथ रखे गए उनके धन की सुरक्षा के संबंध में बढ़ती चिंता है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने श्री दास को भेजे पत्र में कहा कि व्यापारिक समुदाय रिज़र्व बैंक द्वारा उठाये गये कदमों का पूर्ण समर्थन करता है।रिज़र्व बैंक का निर्णय, जिसमें 29 फरवरी, 2024 से पेटीएम पेमेंट्स बैंक को जारी और जमा या टॉप-अप्स स्वीकार करने और अन्य सेवाओं में गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है बेहद गंभीर है तथा रिज़र्व बैंक ने पेटीएम के भीतर कई अनियमितताओं पर स्पष्टता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है वहीं बिना स्रोत की जाँच किए अकाउंट बनाना गंभीर प्रक्रियात्मक उल्लंघन है।

इसके अतिरिक्त, कई संबंधित पक्षीय लेन-देनों में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के शामिल होने के आरोप लगाए, जो रिज़र्व बैंक के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय है।

दोनों व्यापारिक नेताओं ने कहा कि रिज़र्व बैंक द्वारा उठाये गये सवालों में संबंधित विनियामक दिशानिर्देशों, लेन-देन सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, उपभोक्ता संरक्षण उपायों, और उद्योग नियमों का पेटीएम ने उल्लंघन किया है।

श्री भारतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि हम मानते हैं कि रिज़र्व बैंक का कदम लोगों को चेतावनी है, ताकि वे पेटीएम जैसे फिनटेक प्लेटफ़ॉर्म के साथ काम करते समय सावधानी बरत सकें। पारदर्शिता, अनुपालन, और जवाबदेही, डिजिटल भुगतान के मुख्य स्तंभ है।